Guest post by Roupali
दर्द से मेरा रिश्ता अब काफी पुराना है
खुशियों ने मुंह मोडे बिता एक जमाना है,
फिर भी आखों से नही जाता, खुशियों का इंतजार,
आएगी मेरा पता पुछते, मै भी हुं बेकरार,
दर्द ने कुछ दर्द दिया,
तो कभी दर्द का मजा भी लिया,
दर्द ने बढाई कभी मेरी ताकद,
तो कभी छीना हौसला और हिम्मत,
डरती हुं कभी ये मुझै चुर चुर न कर दे,
मेरी हंसी को कही, मुझसे ही दुर न कर दे,
पर हिम्मत जो दी है उसे आझमाती रहती हूं,
कभी कभी इस दर्द पर मै मुस्कुराती रहती हु…